नई दिल्ली : भारत सोमवार को मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) का पूर्ण सदस्य बन जाएगा। तीन दिन पहले चीन और कुछ अन्य देशों के कड़े विरोध के कारण भारत एनएसजी की सदस्यता हासिल करने से वंचित रह गया था। एमटीसीआर में भारत की सदस्यता किसी भी बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में भारत का पहला प्रवेश होगा।एमटीसीआर में शामिल हो जाने के बाद आने वाले समय में भारत रूस के साथ मिलकर बनाई गई सुपरक्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को अन्य देशों को बेच सकेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘हमने पिछले साल एमटीसीआर की सदस्यता के लिए आवेदन किया था और सारी प्रक्रियात्मक औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। कल विदेश सचिव एस जयशंकर फ्रांस, नीदरलैंड और लक्जमबर्ग के राजदूतों की मौजूदगी में एमटीसीआर में शामिल होने के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेंगे।’
उल्लेखनीय है कि चीन जिसने हाल में संपन्न 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की पूर्ण सत्र की बैठक में भारत के प्रवेश की राह में रोड़ा अटकाया वह 34 सदस्यीय एमटीसीआर का सदस्य नहीं है।
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