भारत में 4 जी इंटरनेट ही अभी पूरी तरह से मिलना शुरू नहीं हुआ है वहीं यूरोप में 5जी इंटरनेट लाने की तैयारी शुरू हो गर्इ है। हाल ही में ब्रूसेल्स में दुनिया की टाॅप 20 टेेलिकाॅम कंपनियों ने सरकार के सामने 5 जी मेनिफेस्टो पेश कर दिया है। इनमें बीटी, डश टेलिकाॅम, एरिकसन, हचिसन, नोकिया, आेरेंज, टेलिफोनिका, टेलिनाॅर आैर वोडाफोन जैसी कंपनियां शामिल हैं। 5जी इंटरनेट कनेक्टेड कार, मोबाइल हैल्थ, ट्रांसपोर्ट एंड लाॅजिस्टिक्स
, स्मार्ट ग्रिड, मीडिया व एंटरटेनमेंट के अलावा स्मार्ट सिटी जैसे एरिया को डेवलप करने में अहम होगा। मेनिफेस्टो कितना महत्वपूर्ण है यह इस बात से ही पता चलता है कि नामी नाॅन टेलिकाॅम कंपनियां तक ने इस पर साइन किया है। इनमें एयरटेल, एयरबस,फिलिप्स आैर सिमन जैसी नामी कंपनियां के नाम है। मेनिफेस्टो में शामिल कंपनियां नेट न्यूट्रेलिटी पर सरकारी रवैये को तालिबानी मानती हैं। उनका कहना है कि अगर सरकार चाहती है कि 5जी तकनीक वाकर्इ में लोगों तक पहुंच सके तो इसके लिए नेट न्यूट्रेलिटी के नियमों में रिआयतें जरुरी हैं। अगर एेसा नहीं हुआ तो इससे कंपनियों को उनके इंवेस्टमेंट पर रिटर्न नहीं मिल सकेगा आैर 5जी लाने का सरकारी प्लान फेल हो जाएगा। मेनिफेस्टो कहता है कि सरकार को एेसे नियम बनाने चाहिए जो प्रैक्टिकल हों आैर नवाचार यानि इनोवेशन को बढ़ावा दे। यूरोप में 2018 तक 5G इंटरनेट लाने की कवायद जारी है। इसके लिए कंपनियों को अपना एक्शन प्लान सितंबर में सबमिट करवाना है।Saturday, 9 July 2016
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